उज्जैन मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन नगर है। यह शिप्रा नदी के किनारे बसा है। यह नगर अपने धार्मिक महत्व और अद्भुत इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। उज्जैन कभी राजा अशोक का निवास स्थान रहा करता था। यह जगह भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह शहर हिन्दू धर्म के लिए और ज्योतिष और तंत्र विद्या के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है। उज्जैन को ‘भारतीय संस्कृति की नभोनाभ’ कहा जाता है। यह सिंहस्थ कुंभ मेला जैसे विशाल धार्मिक समागम का आयोजन स्थल भी है। उज्जैन का इतिहास मौर्य साम्राज्य के समय से लेकर गुप्त और परमार वंश तक विस्तृत है। इन साम्राज्यों ने उज्जैन को एक रिच कल्चरल हेरिटेज प्रदान की है।
Ujjain me ghumne ki jagah kaunsi hai?
उज्जैन में घूमने की जगह (Ujjain me Ghumne ki Jagah) में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, श्री हरसिद्धि माता शक्तिपीठ मंदिर, काल भैरव मंदिर, श्री चौबीस खम्बा माता मंदिर, गोपाल मंदिर, श्री चिंतामन गणेश मंदिर, कुंभ मेला, राम घाट, कालियादेह पैलेस, पीर मत्स्येन्द्रनाथ, इस्कॉन मंदिर, जंतर मंतर, भर्तृहरि गुफा, भारत माता मंदिर, मंगलनाथ मंदिर, संदीपनी आश्रम, गढ़कालिका मंदिर, रालामंडल वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी, जानापाव कुटी, विक्रम कीर्ति मंदिर, नवग्रह मंदिर, राम-जनार्दन मंदिर, और WWF वॉटर पार्क और रिज़ॉर्ट हैं।
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर: उज्जैन में स्थित, यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित है। इस ज्योतिर्लिंग को हिंदू धर्म के सबसे पवित्र घूमने की जगहों में गिना जाता है।
- श्री हरसिद्धि माता शक्तिपीठ मंदिर: उज्जैन में यह घूमने योग्य जगह एवं आकर्षण स्थल माँ दुर्गा के एक रूप, हरसिद्धि को समर्पित है। यहाँ शक्ति की उपासना की जाती है।
- काल भैरव मंदिर: उज्जैन के इस घूमने वाली जगह और पर्यटक स्थल में भगवान शिव के वीर रूप, काल भैरव की पूजा की जाती है। काल भैरव (भगवान शिव का रूप) को शहर का रक्षक माने जाते हैं।
- श्री चौबीस खम्बा माता मंदिर: यह मंदिर उज्जैन में प्रमुख घूमने की जगह एवं पर्यटकों का स्थल प्राचीन वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए विख्यात है।
- गोपाल मंदिर: उज्जैन के इस घूमने के लिए जगह और पर्यटन स्थल में भगवान कृष्ण की आराधना की जाती है, जो इसे भक्तों के लिए विशेष बनाती है।
- श्री चिंतामन गणेश मंदिर: उज्जैन में स्थित यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और भक्तों के लिए यह उज्जैन का एक प्रमुख घूमने लायक जगह एवं दर्शनीय स्थल है।
- कुंभ मेला: उज्जैन में आयोजित होने वाला कुंभ मेला, दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक है। यह घूमने की जगह हर बारह साल में शिप्रा नदी के तट पर मनाया जाता है। यह आस्था और अध्यात्म का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है।
- राम घाट: उज्जैन का राम घाट, शिप्रा नदी के तट पर स्थित ghumne ki jagah है। इसे उज्जैन के सबसे प्राचीन स्नान घाटों में से एक माना जाता है। यह यात्रा स्थल धार्मिक महत्व रखता है। यहाँ कुंभ मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु यहाँ स्नान के लिए आते हैं।
- कालियादेह पैलेस: उज्जैन में स्थित कालियादेह पैलेस शिप्रा नदी के एक द्वीप पर बना हुआ है। यह 1458 ईस्वी में निर्मित हुआ था। इस घूमने की जगह तथा भ्रमण स्थल का महत्व न केवल इसके धार्मिक महत्व के कारण है बल्कि इसकी स्थापत्य कला के लिए भी जाना जाता है।
- पीर मत्स्येन्द्रनाथ: उज्जैन में पीर मत्स्येन्द्रनाथ का मकबरा, नाथ सम्प्रदाय के महान गुरु मत्स्येन्द्रनाथ की याद में बनाया गया है। यह पर्यटन स्थल अपने आध्यात्मिक महत्व और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।
- इस्कॉन मंदिर: इस्कॉन मंदिर, जो उज्जैन में भव्य सफेद संगमरमर से निर्मित है, घूमने की जगह है। यह दर्शनीय स्थल राधा मधन मोहन, श्री कृष्णा और बलराम, और श्री गौरी निताई की मनमोहक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है।
- जंतर मंतर: उज्जैन में जंतर मंतर (वेधशाला) 17वीं शताब्दी में महाराजा जय सिंह द्वारा निर्मित किया गया था। यह भारत की प्राचीन खगोलीय वेधशालाओं में से एक है। यह दर्शनीय स्थल खगोल विज्ञान के शौकीनों और परिवारों के लिए एक उत्कृष्ट स्थान है।
- भर्तृहरि गुफा: उज्जैन में जंतर मंतर (वेधशाला) 17वीं शताब्दी में महाराजा जय सिंह द्वारा निर्मित किया गया था, एक ऐतिहासिक और विज्ञान का घूमने के लिए जगह। यह भारत की प्राचीन खगोलीय वेधशालाओं में से एक है।
- भारत माता मंदिर: भारत माता मंदिर, उज्जैन में एक विशेष पर्यटन स्थल है, जो राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत है। यह एक देशभक्ति का प्रतीक है और पर्यटकों के लिए घूमने के लायक जगह है, जो विभिन्न कोनों से आते हैं।
- मंगलनाथ मंदिर: मंगलनाथ मंदिर, उज्जैन में एक प्रमुख धार्मिक यात्रा स्थल है, जिसे मंगल ग्रह के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर अपने दिव्य दर्शन और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए घूमने के लायक जगह है।
- संदीपनी आश्रम: संदीपनी आश्रम, उज्जैन में एक पवित्र दर्शनीय स्थल है, जहाँ भगवान कृष्ण और सुदामा ने अध्ययन किया था। यह आश्रम प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति की झलक प्रदान करता है और घूमने के लिए जगह है।
- गढ़कालिका मंदिर: गढ़कालिका मंदिर, उज्जैन में स्थित एक दर्शनीय स्थल है, जो माँ कालिका को समर्पित है। यहाँ शक्ति की उपासना के लिए प्रसिद्ध है और यह मंदिर अपनी भव्यता और आध्यात्मिक माहौल के लिए घूमने के लायक जगह है।
- रालामंडल वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी: रालामंडल वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी, उज्जैन के निकट एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है, जो वन्यजीवों और हरियाली से भरपूर है। यह सैंक्चुरी प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक आदर्श घूमने के लायक जगह है।
- जानापाव कुटी: जानापाव कुटी, उज्जैन से कुछ ही दूरी पर स्थित एक मनोरम पर्यटन स्थल है। यह हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यह स्थान न केवल ट्रेकिंग और पिकनिक के लिए आदर्श है, बल्कि यहां से चारों ओर के दृश्य भी मनमोहक हैं, जिसे घूमने के लायक जगह के रूप में जाना जाता है।
- विक्रम कीर्ति मंदिर: विक्रम कीर्ति मंदिर, उज्जैन का एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर राजा विक्रमादित्य की याद में बनाया गया था। यह मंदिर अपने ऐतिहासिक महत्व और सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जो पर्यटकों को अतीत की यात्रा पर ले जाता है, जिसे घूमने के लायक जगह के रूप में जाना जाता है।
- नवग्रह मंदिर: नवग्रह मंदिर, उज्जैन में स्थित एक अनोखा यात्री आकर्षण है। यहाँ नौ ग्रहों को समर्पित नौ मंदिर हैं, जो ज्योतिष और खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह स्थान विशेष महत्व रखता है, और इसे घूमने के लायक जगह के रूप में जाना जाता है।
- राम-जनार्दन मंदिर: राम-जनार्दन मंदिर उज्जैन में एक भव्य और शांत घूमने की जगह एवं अवलोकन स्थल है। यह भगवान राम और जनार्दन को समर्पित है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के कारण भक्तों और पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है।
- WWF वॉटर पार्क और रिज़ॉर्ट: WWF वॉटर पार्क और रिज़ॉर्ट उज्जैन के पास एक घूमने वाली जगह एवं रोमांचक यात्रा स्थल है। यह वॉटर पार्क विशेष रूप से गर्मियों में परिवारों और दोस्तों के बीच लोकप्रिय है। इस वॉटर पार्क में विभिन्न जल-राइड्स और आकर्षण हैं, जो सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए मनोरंजन का साधन प्रदान करते हैं।
अब हम इन सारी उज्जैन में घूमने वाली जगहों को विस्तार में जानेंगे।
Contents
- 1 1. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (mahakaleshwar jyotirlinga Temple) – ujjain ke prasidh mandir
- 2 2. श्री हरसिद्धि माता शक्तिपीठ मंदिर (Shri Harsiddhi Mata Shaktipeeth Temple) – ujjain ke pramukh mandir
- 3 3. काल भैरव मंदिर (Kal Bhairava Temple) – ujjain ke prasidh mandir
- 4 4. श्री चौबीस खम्बा माता मंदिर (Shri Chaubis Khamba Mata Temple) – ujjain mein ghumne wali jagah
- 5 5. गोपाल मंदिर (Gopal Temple) – ujjain mein ghumne layak jagah
- 6 6. श्री चिंतामन गणेश मंदिर (Shri Chintamani Ganesh Temple) – ujjain tourist places in hindi
- 7 7. कुंभ मेले (Kumbh Mela) – ujjain ghumne ki jagah
- 8 8. राम घाट (Ram Ghat) – ujjain m ghumne ki jagah
- 9 9. कालियादेह पैलेस (Kaliadeh Palace) – ujjain ke aas paas ghumne ki jagah
- 10 10. पीर मत्स्येन्द्रनाथ (Peer Matsyendranath) – ujjain me ghumne layak jagah
- 11 11. इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple) – ujjain paryatan sthal
- 12 12. जंतर मंतर (Jantar Mantar) – ujjain darshaniya sthal
- 13 13. भर्तृहरि गुफा (Bhartrihari Cave) – ujjain me dekhne layak jagah
- 14 14. भारत माता मंदिर (Bharat Mata Temple) – उज्जैन में जाने की जगहें
- 15 15. मंगलनाथ मंदिर (Mangalnath Temple)
- 16 16. संदीपनी आश्रम (Sandipani Ashram)
- 17 17. गढ़कालिका मंदिर (Gadh Kalika Temple)
- 18 18. रालामंडल वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी (Ralamandal Wildlife Sanctuary) – ujjain ke pass ghumne ki jagah
- 19 19. जानापाव कुटी (Jaanapav Kutti) – उज्जैन के आसपास घूमने की जगह
- 20 20. विक्रम कीर्ति मंदिर (Vikram Kirti Mandir)
- 21 21. नवग्रह मंदिर (त्रिवेणी) (Navagraha Temple, Triveni)
- 22 22. राम-जनार्दन मंदिर (Ram-Janardan Temple)
- 23 23. WWF वॉटर पार्क और रिज़ॉर्ट (WWF Water Park and Resort)
- 24 उज्जैन में घूमने की अन्य जगह कौनसी है?
- 24.1 उज्जैन में घूमने के म्यूज़ीअम कौनसे हैं? (Ujjain me ghumne ke museums konse hain?)
- 24.2 उज्जैन में बच्चों के लिए घूमने की जगह कौनसी है? (Ujjain me bachchon ke liye ghumne ki jagah kaunsi hai?)
- 24.3 उज्जैन में दोस्तों के लिए घूमने की जगह कौनसी है? (Ujjain me doston ke liye ghumne ki jagah kaunsi hai?)
- 24.4 उज्जैन में कपल्स के लिए घूमने की जगह कौनसी है? (Ujjain me couples ke liye ghumne ki jagah kaunsi hai?)
- 24.5 उज्जैन में रात में घूमने की जगह कौनसी है? (Ujjain me raat me ghumne ki jagah kaunsi hai?)
- 24.6 उज्जैन में घूमने के लिए पार्क कौनसे हैं?
- 24.7 Ujjain kaha hai?
- 24.8 उज्जैन जाने के तरीके (Ujjain jane k tarike)
- 24.9 उज्जैन के बेस्ट फूड कौनसे है?
- 24.10 उज्जैन में सबसे खूबसूरत जगह कौन सी है?
- 24.11 उज्जैन में घूमने के लिए कौन कौन सी जगह है?
- 24.12 उज्जैन के बारे में क्या खास है?
- 24.13 उज्जैन शहर किस लिए प्रसिद्ध है?
- 24.14 उज्जैन में क्या प्रसिद्ध है?
- 24.15 उज्जैन जाने का सही समय क्या है?
- 24.16 उज्जैन के पास कौन-कौन से पर्यटन स्थल हैं?
- 24.17 महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन कब जाना चाहिए?
- 24.18 उज्जैन में क्या-क्या देखने को मिलता है?
- 24.19 उज्जैन के प्रसिद्ध स्थल कौन-कौन से हैं?
- 24.20 उज्जैन में घूमने की जगह कौन-कौन सी हैं?
- 24.21 उज्जैन में कहाँ ठहरे?
- 24.22 उज्जैन जाने में कितना खर्चा आता है?
- 24.23 उज्जैन में कौन-कौन से मंदिर हैं?
- 24.24 उज्जैन में कुल कितने मंदिर हैं?
- 24.25 उज्जैन की फेमस चीज क्या है?
- 24.26 उज्जैन क्यों प्रसिद्ध है?
- 24.27 उज्जैन के पास अन्य घूमने की जगह?
1. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (mahakaleshwar jyotirlinga Temple) – ujjain ke prasidh mandir
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक घूमने की जगह है। यह उज्जैन, मध्य प्रदेश में शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। इसे भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। यह ‘स्वयंभू’ लिंग के रूप में प्रसिद्ध है, जिसका अर्थ है कि यह स्वयं प्रकट हुआ है। महाकाल का अर्थ ‘महान काल’ या ‘महान समय और मृत्यु’ से है। यह मंदिर विशेष रूप से शिव के इसी रूप को समर्पित है।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
महाकालेश्वर मंदिर अपनी वास्तुकला और अद्वितीय अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की मुख्य विशेषता भस्म आरती है। यह आरती प्रतिदिन सुबह 4 बजे आयोजित की जाती है। मंदिर के परिसर में भगवान गणेश, देवी पार्वती और नागचंद्रेश्वर के तीन अन्य मंदिर भी स्थित हैं। पर्यटक यहाँ दर्शन, पूजा और ध्यान के अलावा, नगर के अन्य प्रमुख आकर्षणों जैसे कि राम घाट और काल भैरव मंदिर का भी भ्रमण कर सकते हैं।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
महाकालेश्वर मंदिर प्रतिदिन सुबह 4 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहता है। इसमें भस्म आरती सुबह 4 से 6 बजे के बीच, सुबह की पूजा 7 से 7:30 बजे तक, और शाम की पूजा 5 से 5:30 बजे तक आयोजित की जाती है। श्री महाकाल आरती शाम 7 से 7:30 बजे तक होती है। मंदिर में प्रवेश और आरती देखने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है, हालांकि, भस्म आरती में भाग लेने के लिए ऑनलाइन बुकिंग और नियमों का पालन करना आवश्यक है।
2. श्री हरसिद्धि माता शक्तिपीठ मंदिर (Shri Harsiddhi Mata Shaktipeeth Temple) – ujjain ke pramukh mandir
श्री हरसिद्धि माता शक्तिपीठ मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक घूमने वाली जगह है। यह मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यह मंदिर रुद्रसागर झील के निकट है और महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित है। इसका निर्माण विक्रमादित्य द्वारा किया गया था। यह मंदिर देवी पार्वती को समर्पित है। इसे माना जाता है कि यहाँ देवी सती की कोहनी गिरी थी, जिसके कारण यह स्थान एक पवित्र शक्तिपीठ बन गया।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
श्री हरसिद्धि माता शक्तिपीठ मंदिर की वास्तुकला में मराठा कला की विशेषताएं देखने को मिलती हैं। मंदिर में देवी हरसिद्धि की मूर्ति लाल रंग में चित्रित है और इसके केंद्र में स्थापित है, जो माँ सरस्वती और माँ लक्ष्मी की मूर्तियों के बीच स्थित है। मंदिर में दो ऊंचे दीप स्तंभ हैं जिन्हें नवरात्रि के दौरान दीयों से सजाया जाता है, जिससे एक दिव्य दृश्य निर्मित होता है। यहाँ आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक न केवल देवी के दर्शन कर सकते हैं बल्कि मंदिर की अद्भुत वास्तुकला और आध्यात्मिक वातावरण का भी आनंद ले सकते हैं। नवरात्रि के समय मंदिर विशेष रूप से सजाया जाता है और यहाँ एक अनूठा आध्यात्मिक वातावरण बनता है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
श्री हरसिद्धि माता शक्तिपीठ मंदिर के दर्शन का समय सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक है। आरती का समय सुबह 7 बजे से 8 बजे तक और शाम 6 बजे से 7 बजे तक होता है।
3. काल भैरव मंदिर (Kal Bhairava Temple) – ujjain ke prasidh mandir
काल भैरव मंदिर में उज्जैन मध्य प्रदेश में स्थित घूमने की जगह है। इसे राजा भद्रसेन ने निर्मित किया था। यह मंदिर भगवान शिव के सबसे भयानक स्वरूप, काल भैरव को समर्पित है। इसका इतिहास लगभग 9वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक जाता है। मंदिर का देवता चांदी से मढ़े शिला रूप में प्रतिष्ठित है, जिसका चेहरा सम्मान के चिह्न के रूप में सिंदूर से सना होता है।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
काल भैरव मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ पर भक्त भगवान को शराब चढ़ाते हैं। मान्यता के अनुसार, भैरव शराब को स्वीकार करते हैं। यह अनोखी परंपरा इसे भारतीय मंदिरों में विशिष्ट बनाती है। मंदिर में मालवा शैली की खूबसूरत चित्रकारियाँ भी हैं। पर्यटक यहाँ शिव, विष्णु, पार्वती, और गणेश की प्राचीन मूर्तियों को देख सकते हैं।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
काल भैरव मंदिर सुबह 5 बजे से रात 9:30 बजे तक खुला रहता है। यहाँ प्रवेश नि:शुल्क है। यहाँ प्रातः और संध्या आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्त भाग ले सकते हैं। इसके अलावा, मंदिर के आसपास भोजन स्टाल और स्वच्छता सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।
4. श्री चौबीस खम्बा माता मंदिर (Shri Chaubis Khamba Mata Temple) – ujjain mein ghumne wali jagah
श्री चौबीस खम्बा माता मंदिर में उज्जैन में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल एवं टूरिस्ट स्पॉट है। यह अपने 9वीं या 10वीं शताब्दी में निर्माण के कारण विशेष रूप से जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण राजा विक्रमादित्य के काल में हुआ था। मंदिर का नाम इसके 24 खम्बों पर आधारित है, जो इसकी संरचना को अलंकृत करते हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार पर महालया और महामाया, मंदिर की रक्षक देवियों की प्रतिमाएँ स्थित हैं, जिनके नाम मंदिर के प्रवेश पथ पर अंकित हैं। यह स्थान पूर्व में महाकाल-वन के प्रवेश द्वार के रूप में माना जाता था।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
श्री चौबीस खम्बा माता मंदिर की विशेषताएं इसकी अद्भुत वास्तुकला और धार्मिक महत्व में निहित हैं। यहाँ नवरात्रि और शुक्ल पक्ष अष्टमी के दिन विशेष उत्सव मनाये जाते हैं, जो भक्तों की बड़ी संख्या को आकर्षित करते हैं। मंदिर में चंदल दोष निवारण पूजा जैसे विशेष अनुष्ठान भी किए जाते हैं, जो जातकों के जीवन से संबंधित विभिन्न योगों को संतुलित करने का कार्य करते हैं। इस मंदिर की यात्रा न केवल आध्यात्मिक संतुष्टि प्रदान करती है बल्कि इसकी अद्वितीय वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व का भी अनुभव कराती है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
श्री चौबीस खम्बा माता मंदिर प्रातः 5 बजे से सायं 7 बजे तक खुला रहता है,। यहाँ प्रवेश निशुल्क है। यह मंदिर उज्जैन जंक्शन से मात्र 2 किमी की दूरी पर स्थित है, जिसे आसानी से रेलवे स्टेशन, स्थानीय बस या टैक्सी के माध्यम से पहुँचा जा सकता है।
5. गोपाल मंदिर (Gopal Temple) – ujjain mein ghumne layak jagah
गोपाल मंदिर उज्जैन मध्य प्रदेश में स्थित पर्यटकों का स्थल है। इसे बयाजी बाई शिंदे, मराठा राजा दौलतराव शिंदे की पत्नी द्वारा 19वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यह भगवान कृष्ण को समर्पित है और महाकालेश्वर के बाद उज्जैन का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
गोपाल मंदिर मराठा वास्तुकला का शानदार नमूना प्रस्तुत करता है, जिसमें भगवान कृष्ण की दो फीट ऊंची चांदी से मढ़ी प्रतिमा मर्मर पर विराजमान है और इसके द्वार चांदी से प्लेटेड हैं। जन्माष्टमी और हरिहर पर्व को मंदिर परिसर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
गोपाल मंदिर सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है। यहाँ प्रवेश नि:शुल्क है। पर्यटक यहां आकर न केवल धार्मिक शांति पा सकते हैं, बल्कि इसकी अद्भुत वास्तुकला और आध्यात्मिक माहौल का भी अनुभव कर सकते हैं।
6. श्री चिंतामन गणेश मंदिर (Shri Chintamani Ganesh Temple) – ujjain tourist places in hindi
श्री चिंतामन गणेश मंदिर उज्जैन, मध्य प्रदेश में स्थित पर्यटक स्थल है। यह परमार शासकों द्वारा 11वीं या 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। इस मंदिर में भगवान गणेश के साथ उनकी दो पत्नियाँ रिद्धि और सिद्धि की मूर्तियाँ स्थापित हैं। यह मंदिर भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें हिन्दू धर्म में सभी शुभ कार्यों के आरंभ में पूजा जाता है।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
श्री चिंतामन गणेश मंदिर की मुख्य विशेषता यह है कि यहाँ भगवान गणेश की एक अद्भुत प्रतिमा के साथ-साथ हनुमान जी की पाँच मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। यह मंदिर अपने आध्यात्मिक माहौल और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है, जो भक्तों को आकर्षित करता है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
श्री चिंतामन गणेश मंदिर सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है। यहाँ प्रवेश निःशुल्क है। यहाँ आकर पर्यटक न केवल भगवान गणेश के दर्शन कर सकते हैं, बल्कि उज्जैन की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भी अनुभव कर सकते हैं।
7. कुंभ मेले (Kumbh Mela) – ujjain ghumne ki jagah
कुंभ मेला हर बारह वर्षों में आयोजित किया जाता है। यह एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। यह मेला भारत के चार पवित्र नगरों – हरिद्वार, उज्जैन, नासिक, और प्रयागराज में से एक में लगता है। इसका आयोजन रोटेशन में होता है, जिसमें हर तीन साल में एक शहर में मेला लगता है। उज्जैन में आखिरी कुंभ मेला 2016 में आयोजित किया गया था। अगला कुंभ मेला उज्जैन 2028 में होगा।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
कुंभ मेले का मुख्य आकर्षण इसके शाही स्नान हैं। यहाँ लाखों श्रद्धालु सागर मंथन के दौरान अमृत की बूँदों के गिरने वाले स्थलों पर स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि स्नान करने से उनके पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मेला साधु-संतों के साथ धार्मिक चर्चा, प्रवचन, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी स्थल है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
कुंभ मेले में प्रवेश मुफ्त है। यह आमतौर पर चार दिनों तक चलता है। श्रद्धालु न केवल स्नान करते हैं बल्कि धार्मिक गतिविधियों में भी भाग लेते हैं और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करते हैं। इस मेले में भाग लेने के लिए, श्रद्धालु विभिन्न परिवहन माध्यमों जैसे कि हवाई जहाज, रेल या सड़क मार्ग से उज्जैन पहुँच सकते हैं।
8. राम घाट (Ram Ghat) – ujjain m ghumne ki jagah
राम घाट उज्जैन के क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित पर्यटन स्थल है। यह घाट हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्नान स्थल है। यहां हर बारह वर्षों में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के लिए यह घाट विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इसे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समारोहों में से एक माना जाता है। इस घाट के बारे में यह भी मान्यता है कि यहां भगवान विष्णु ने अमृत की कुछ बूँदें गिराई थीं।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
राम घाट की मुख्य विशेषताएं में शामिल हैं क्षिप्रा आरती, जो शाम को होती है और इसे देखना एक अद्भुत अनुभव होता है। इसके अलावा, इस घाट पर अनेक मंदिर स्थित हैं, जिनमें चित्रगुप्त मंदिर सबसे अधिक पूजनीय है। पर्यटक यहां शिप्रा नदी में स्नान कर सकते हैं और आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर सकते हैं।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
राम घाट 24 घंटे खुला रहता है। यहां प्रवेश मुफ्त है। इस घाट पर आने का सबसे अच्छा समय सूर्यास्त के दौरान होता है, जब आरती का आयोजन किया जाता है। इस समय घाट पर एक विशेष आध्यात्मिक माहौल बनता है, जो भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
9. कालियादेह पैलेस (Kaliadeh Palace) – ujjain ke aas paas ghumne ki jagah
कालियादेह पैलेस उज्जैन से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित भ्रमण स्थल है। यह मध्य प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध हेरिटेज स्थलों में से एक है। इसे मंडू के सुल्तान ने 1458 ईस्वी में महमूद खिलजी के समय में बनवाया था। पहले इसे क्षिप्रा नदी के किनारे सूर्य देवता का एक सुंदर मंदिर माना जाता था। इसमें सूर्य कुंड और ब्रह्म कुंड नामक दो टंकी थी। बाद में पिंडारियों द्वारा क्षतिग्रस्त होने के बाद, इसे महाराजा माधो राव सिंधिया द्वारा 1920 में पुनः स्थापित किया गया था।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
कालियादेह पैलेस की वास्तुकला में एक विशाल केंद्रीय हॉल है, जिसे मध्य एरीना कहा जाता है। इस महल का केंद्रीय गुंबद पर्शियन वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है। इसके अलावा, यहां अकबर और जहांगीर के दौरे के उल्लेख वाले दो पर्शियन शिलालेख मिलते हैं। पर्यटक यहां सूर्य कुंड टंकी के पास जा सकते हैं जहां लोग स्नान करने के लिए आते हैं, जिसे एक पवित्र क्रिया माना जाता है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
कालियादेह पैलेस सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। इसकी एंट्री मुफ्त है। इस स्थल पर आने का अनुभव न केवल इसकी प्राचीन वास्तुकला को निहारने का मौका देता है बल्कि उज्जैन के अतीत की गाथाओं में गोता लगाने का भी अवसर प्रदान करता है।
10. पीर मत्स्येन्द्रनाथ (Peer Matsyendranath) – ujjain me ghumne layak jagah
पीर मत्स्येन्द्रनाथ समाधि उज्जैन के क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित घूमने की जगह है। यह समाधि भारतीय धर्म शैव संप्रदाय के नाथ पंथ के महान संत मत्स्येन्द्रनाथ को समर्पित है। मत्स्येन्द्रनाथ को हठ योग का प्रवर्तक और नवनाथों में से एक माना जाता है। यह स्थान हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लिए पवित्र है क्योंकि मत्स्येन्द्रनाथ को दोनों धर्मों के अनुयायी ‘पीर’ के रूप में सम्मानित करते हैं।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
पीर मत्स्येन्द्रनाथ समाधि सरल श्वेत संरचना के साथ एक गुंबद और चारों तरफ छोटी मीनारों से घिरी हुई है। यह गुंबन्द और मिनारे इस समाधि के आस-पास के परिवेश को एक शांतिपूर्ण आकर्षण प्रदान करती है। इस समाधि के खुदाई के दौरान 6ठी और 7वीं शताब्दी के अवशेष प्राप्त हुए थे। पर्यटक यहां भर्तृहरि गुफाओं और गडकालिका मंदिर के पास स्थित इस स्मारक का दर्शन कर सकते हैं और संत को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
पीर मत्स्येन्द्रनाथ समाधि सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहती है। यहाँ इसका प्रवेश निःशुल्क है। यह स्थल अपनी सादगी और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इसकी यात्रा आगंतुकों को धार्मिक सद्भाव और एकता की गहराई से अनुभूति कराती है।
11. इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple) – ujjain paryatan sthal
उज्जैन में इस्कॉन मंदिर को राधा मदनमोहन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर 2006 में खुला था। यह एक भव्य संगमरमर का मंदिर है। यह नंदखेड़ा बस स्टैंड के पास स्थित टूरिस्टिक स्थल है। इसे भगवान कृष्ण के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि माना जाता है कि कृष्ण, बलराम, और सुदामा ने इसी शहर में महर्षि संदीपनी से शिक्षा प्राप्त की थी। यह उज्जैन और इस्कॉन संगठन का एकमात्र पूर्ण सौर-ऊर्जा से संचालित मंदिर है। मंदिर में तीन गर्भगृह हैं जिनमें राधा मदनमोहन, भगवान कृष्ण और राधा के साथ गोपियों, और श्री गौरी निताई की मूर्तियां स्थापित हैं।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
इस्कॉन मंदिर में हिन्दू देवी-देवताओं की एक मनोरम संग्रह, फूलों के बेड, और तुलसी के बगीचे हैं। पूरे दिन ‘हरे कृष्ण हरे राम’ धुन के साथ संगीत जारी रहता है। इसके अलावा, मंदिर परिसर में गोशाला, निवासी आवास, कार्यालय, और ब्रह्मचारी आश्रम भी हैं। यहाँ जन्माष्टमी को मुख्य उत्सव के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
इस्कॉन मंदिर की दर्शन टाइमिंग्स सुबह 4:30 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 4 बजे से रात 9:15 बजे तक है। यहाँ प्रवेश निःशुल्क है। यहाँ का दर्शन न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है बल्कि आगंतुकों को भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति को और गहरा करने का अवसर भी प्रदान करता है।
12. जंतर मंतर (Jantar Mantar) – ujjain darshaniya sthal
जंतर मंतर उज्जैन में स्थित एक प्राचीन वेधशाला है। इसे सवाई राजा जय सिंह ने 1725 से 1730 ई. के बीच बनवाया था। यह भारत में बने पाँच जंतर मंतरों में सबसे पुराना पर्यटन आकर्षण है। इसका मुख्य उद्देश्य हिन्दू विद्वानों और ज्योतिषियों की अनुसंधान और अध्ययन में मदद करना था।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
जंतर मंतर में विभिन्न प्रकार के यंत्र हैं, जैसे कि शंकु यंत्र, दिग्यांश यंत्र, और सूर्यघड़ी, जो समय की गणना, सूर्य, तारों, और ग्रहों की स्थिति की गणना के लिए उपयोग किए जाते हैं। जंतर मंतर न केवल खगोलशास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। यहाँ आकर पर्यटक प्राचीन समय में ग्रहों और सूर्य की गति का अध्ययन कैसे किया जाता था, इस पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
जंतर मंतर सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है। प्रवेश शुल्क भारतीय नागरिकों के लिए 40 रुपए प्रति व्यक्ति (15 वर्ष से ऊपर) और विदेशी नागरिकों के लिए 200 रुपए प्रति व्यक्ति है। कैमरा शुल्क 50 रुपए और ऑडियो गाइड के लिए 150 रुपए है। यहाँ की यात्रा न केवल ज्ञानवर्धक होती है बल्कि भारतीय वास्तुकला और खगोलशास्त्र के इतिहास को समझने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करती है।
13. भर्तृहरि गुफा (Bhartrihari Cave) – ujjain me dekhne layak jagah
भर्तृहरि गुफाएँ उज्जैन में स्थित पर्यटक स्थल हैं। इन गुफाओं को 11वीं शताब्दी ईस्वी में राजा विक्रमादित्य के सौतेले भाई और प्रसिद्ध कवि भर्तृहरि के नाम पर रखा गया है। यह कहा जाता है कि भर्तृहरि ने यहाँ जीवन के सुख-साधनों का त्याग करके तपस्या की थी। गुफाएँ गडकालिका मंदिर के पास और क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित हैं। इस क्षेत्र के मुख्य पर्यटक स्थलों में से एक हैं।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
भर्तृहरि गुफाओं में प्रवेश काफी संकीर्ण है, जो पत्थरों के स्तंभों द्वारा समर्थित है। गुफा में बहुत से कमरे हैं जिनमें हिंदू देवताओं की मूर्तियां या चित्र हैं। भर्तृहरि ऋषि की पत्थर पर उकेरी गई बैठी हुई मूर्ति काफी प्रभावशाली है। इसके अलावा, गुफा के अंदर महादेव का त्रिशूल और पवित्र राख भी देखने को मिलती है। गुफा की दीवारों पर सुंदर पत्थर की मूर्तियां भी उकेरी गई हैं। प्रतिवर्ष, हजारों भक्त यहाँ आकर विद्वान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। यहाँ नाथ समुदाय के संत यहाँ बाहर टेंट लगाकर ध्यान लगाते हैं।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
भर्तृहरि गुफाएँ सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक खुली रहती हैं। यहाँ का प्रवेश निःशुल्क है। ये गुफाएँ भारतीय रॉक-कट आर्किटेक्चर का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। यह गुफाएँ आगंतुकों को प्राचीन काल की यात्रा का एक अनूठा अनुभव प्रदान करती हैं।
14. भारत माता मंदिर (Bharat Mata Temple) – उज्जैन में जाने की जगहें
भारत माता मंदिर वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ परिसर में स्थित घूमने वाली जगह है। इसे 1936 में स्वतंत्रता सेनानी बाबू शिव प्रसाद गुप्ता द्वारा निर्मित किया गया था। महात्मा गांधी ने इसका उद्घाटन किया था। यह मंदिर अपनी तरह का अनूठा है। इसमें देवी-देवताओं की प्रतिमाएं न होकर एक विशाल अविभाजित भारत का संगमरमर में उकेरा गया मानचित्र है, जो पर्वत, मैदान और समुद्रों को सही पैमाने पर दर्शाता है। यह मंदिर देशभक्ति का प्रतीक है और वाराणसी में दर्शनीय स्थलों में से एक है।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
भारत माता मंदिर पेंटागन के आकार का है जिसमें पाँच स्तंभ संरचना को समर्थन देते हैं। यह गंगा और इसके पवित्र घाटों के दृश्य को देखते हुए प्राकृतिक सौंदर्य की सेटिंग्स में स्थित है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
भारत माता मंदिर के दर्शन का समय सुबह 9:30 से शाम 8 बजे तक है। इसकी यात्रा न केवल आगंतुकों को भारत की विविध भौगोलिक विशेषताओं के बारे में ज्ञान प्रदान करती है बल्कि उनमें देशभक्ति की भावना को भी जगाती है।
15. मंगलनाथ मंदिर (Mangalnath Temple)
मंगलनाथ मंदिर उज्जैन के मंगलनाथ घाट के निकट स्थित रोमांचक यात्रा स्थल है। मध्य प्रदेश में उज्जैन के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। यह मंदिर महादेव को समर्पित है। यहाँ रोज़ाना सैकड़ों भक्त आते हैं। मंगलनाथ मंदिर को मंगल ग्रह के जन्मस्थान के रूप में माना जाता है, जो वीरता, शक्ति, साहस, और धर्मनिष्ठा से संबंधित है। मंदिर में मंगल दोष और ‘मंगल शांति पूजा’ के लिए लोग आते हैं।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
मंगलनाथ मंदिर की मुख्य विशेषताएं में इसकी स्थिति शामिल है, जो क्षिप्रा नदी के किनारे पर है। इससे नदी के विस्तार का एक विशाल दृश्य मिलता है जो दर्शकों को एक वर्णनातीत शांति की अनुभूति देता है। यहां खगोलीय अध्ययनों के लिए ग्रहों का स्पष्ट दृश्य भी प्राप्त होता था। मंगलनाथ मंदिर अपनी अद्वितीय विशेषताओं और धार्मिक महत्व के कारण उज्जैन के मुख्य आकर्षणों में से एक है। यहां की यात्रा न केवल भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है बल्कि खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए भी ज्ञानवर्धक हो सकती है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
मंगलनाथ मंदिर पूजा समय सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक है, और पूजा के लिए टिकट की लागत भाट पूजा के लिए रु. 1300, मंगल दोष के लिए रु. 5500, और ग्रह शांति के लिए रु. 13000 है।
16. संदीपनी आश्रम (Sandipani Ashram)
संदीपनी आश्रम उज्जैन में स्थित पर्यटन स्थल है। यह क्षिप्रा नदी के किनारे पर है। यह उज्जैन के लोकप्रिय स्थलों में से एक है। यह आश्रम महर्षि संदीपनी की याद में बनाया गया है जो श्री कृष्ण, उनके मित्र सुदामा और लॉर्ड कृष्ण के भाई बलराम को शिक्षा देने के लिए प्रसिद्ध हैं। अब यह आश्रम मंदिर की तरह दिखाई देता है। यहाँ गुरु संदीपनी के साथ कृष्ण, बलराम और सुदामा की तीन मूर्तियाँ मौजूद हैं। यहाँ एक पत्थर पर 1 से 100 तक संख्याएँ उकेरी गई हैं, जिसे गुरु संदीपनी द्वारा किया गया माना जाता है।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
संदीपनी आश्रम में एक विशाल चरणपादुका भी है। यहाँ लॉर्ड कृष्णा ने सभी पवित्र जलों को समाहित किया था ताकि गुरु संदीपनी को पवित्र जल प्राप्त करने में आसानी हो। इस कुंड का जल पवित्र माना जाता है, और इसलिए, भक्त यहाँ से पानी अपने घर ले जाते हैं।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
संदीपनी आश्रम के दर्शन का समय सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक है। यहाँ प्रवेश नि:शुल्क है। यह आश्रम अपने ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक महत्व के कारण उज्जैन में देखने योग्य मुख्य आकर्षणों में से एक है।
17. गढ़कालिका मंदिर (Gadh Kalika Temple)
गढ़कालिका मंदिर उज्जैन में स्थित भ्रमण स्थल है। यह मंदिर भर्तृहरि गुफाओं के निकट है और उज्जैन यात्रा में शामिल करने के लिए एक अनिवार्य स्थान है। यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है और देवी कालिका को समर्पित है। मंदिर की मूर्ति सतयुग के काल की मानी जाती है, जो मंदिर से भी अधिक पुरानी है। मंदिर का पुनर्निर्माण 7वीं शताब्दी में राजा हर्षवर्धन द्वारा किया गया था। यह आधुनिक समय में इसे ग्वालियर राज्य द्वारा फिर से बनाया गया था। गढ़ गाँव के पास होने के कारण इस मंदिर का नाम गढ़कालिका मंदिर पड़ा। यह मंदिर उज्जैन महाकाली के रूप में लोकप्रिय है और अठारह शक्ति पीठों में से एक है जहाँ देवी सती के ऊपरी होंठ गिरे थे।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
गढ़कालिका मंदिर की दीवारें विभिन्न देवताओं और पवित्र चिह्नों की सुंदर नक्काशियों से सजी हैं। नवरात्रि यहाँ का प्रमुख उत्सव है जो बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। मंदिर की देवी कालिका की प्रतिमा को देखना और सुबह और शाम की आरती में भाग लेना एक दैवीय अनुभव है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
गढ़कालिका मंदिर सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। यहाँ प्रवेश निःशुल्क है। यह स्थान न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है बल्कि कलिदास जैसे महान कवि के साथ इसके संबंध इसे और भी खास बनाते हैं।
18. रालामंडल वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी (Ralamandal Wildlife Sanctuary) – ujjain ke pass ghumne ki jagah
रालामंडल वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी मध्य प्रदेश की प्राचीनतम वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है। यह इंदौर शहर के बाहरी इलाके में स्थित दर्शनीय स्थल है। 1989 में स्थापित यह अभयारण्य पहले होल्कर राजपरिवार का शिकार क्षेत्र था। नर्मदा नदी इस अभयारण्य को अपनी उपस्थिति से आशीर्वादित करती है। यहां लेपर्ड, ब्लैक बक, चीतल, नीलगाय, हायना, भारतीय मोर, पाम-सिवेट, पोर्क्युपाइन, और खरगोश जैसे विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु और पक्षियों के प्रजातियां निवास करती हैं। अभयारण्य में ट्रेकिंग के लिए कई मार्ग हैं और यहां ऊंट की सवारी की सुविधा भी उपलब्ध है, जो पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण है।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
रालामंडल वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी में एक छोटा संग्रहालय भी है। उस संग्रालय में दुर्लभ डायनासोर के अंडों के खोल और अन्य जीवाश्म रखे गए हैं जो आसपास के क्षेत्र में प्राप्त हुए थे। यहाँ विभिन्न प्रकार के पक्षी जैसे कि सफेद गले वाला किंगफिशर, कॉपरस्मिथ बार्बेट, गुलाबी अंगूठी वाला तोता, और भारतीय काला ड्रोंगो आदि देखे जा सकते हैं। सर्दियों के मौसम में यहां पक्षी देखने का सबसे अच्छा समय होता है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
रालामंडल वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी के दर्शन का समय सुबह 9 बजे से शाम 6:30 बजे तक है। यहाँ प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 20 रुपए है। यहां पर्यटक वन्यजीवों की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं और प्राकृतिक विरासत के बीच कुछ दिन बिताने के लिए आश्रम में ठहर सकते हैं।
19. जानापाव कुटी (Jaanapav Kutti) – उज्जैन के आसपास घूमने की जगह
जानापाव कुटी मालवा क्षेत्र की पहाड़ियों के बीच स्थित दर्शनीय स्थल है। यह कुटी इंदौर जिले के महू तहसील में आता है। यह इंदौर शहर से लगभग 45 किमी दूर है। इसे नेचर लवर्स और ट्रेकर्स के लिए एक आदर्श गेटवे माना जाता है। जानापाव कुटी, जिसे जानापाव पहाड़ी भी कहा जाता है, का विशेष महत्व है क्योंकि यहां से नर्मदा नदी का उद्गम माना जाता है। मान्यता है कि यहां स्थित पर्वत से नर्मदा नदी का उद्गम होता है।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
जानापाव कुटी की फ्लोरा में आयुर्वेदिक गुणों की प्रचुरता है। इसे आयुर्वेद प्रैक्टिशनर्स द्वारा उचित रूप से संग्रहित किया जाता है। जानापाव कुटी में हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर एक मेला आयोजित होता है। यह मेला दीवाली के बाद पहले पूर्ण चंद्रमा के दिन होता है। यह मेला पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
जानापाव कुटी 24 घंटे खुला रहता है। यहां कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। यह स्थान प्रकृति के प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है जो शांत और सुरम्य पहाड़ियों, दूर के हिल्स और लाल सूर्यास्त के दृश्य को देखने के लिए यहां आते हैं। इसे घूमने का सबसे अच्छा समय मानसून का मौसम है, जब यहां की हरियाली और भी अधिक खिल उठती है।
20. विक्रम कीर्ति मंदिर (Vikram Kirti Mandir)
विक्रम कीर्ति मंदिर उज्जैन में स्थित पर्यटन स्थल है। यह मंदिर 1965 में विक्रमादित्य के सम्मान में और विक्रम संवत के दूसरे सहस्राब्दी के अवसर पर स्थापित किया गया था। यह मंदिर मौर्य युग की महिमा को याद करने के लिए बनाया गया था। यह एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में कार्य करता है जिसमें सिंधिया ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, एक कला गैलरी, एक पुरातात्विक संग्रहालय और एक सभागार शामिल हैं।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
विक्रम कीर्ति मंदिर के संग्रहालय में अभिलेख, मूर्तियां, तांबे की पट्टिकाएँ, ताड़पत्र और छालपत्र मैनुस्क्रिप्ट्स, सिक्कों का विशाल संग्रह, मूर्तियां, और नर्मदा घाटी में प्राप्त जीवाश्म प्रदर्शित किए गए हैं। केंद्रीय आकर्षण एक प्राचीन हाथी का बड़ा खोपड़ी है। इसके अलावा, यह मुगल और राजपूत शैली में प्राचीन चित्रों का एक अद्वितीय संग्रह भी रखता है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
विक्रम कीर्ति मंदिर सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है। यहाँ आने वाले आगंतुक प्राचीन मानुस्क्रिप्ट्स, कलाकृतियों और पुरातात्विक खोजों का अध्ययन करके मौर्य युग की महिमा के बारे में जान सकते हैं, जो इसे उज्जैन के मुख्य आकर्षणों में से एक बनाता है।
नवग्रह मंदिर (त्रिवेणी) उज्जैन के त्रिवेणी घाट पर शिप्रा नदी के किनारे स्थित टूरिस्ट स्पॉट है। यह नवग्रह – हिन्दू ज्योतिष में नौ दिव्य ग्रहों को समर्पित है। यह मंदिर हाल के वर्षों में काफी प्रमुख हो गया है। यहाँ भक्त पूर्णिमा और शनिवार (शनि देव का दिन है) को इस मंदिर में बड़ी संख्या में आते हैं। भक्त नवग्रह पत्थरों की परिक्रमा करते हैं और मिठाई और फूलों की पेशकश करते हैं। यह मंदिर मुख्य शहर से लगभग 10 किमी दूर स्थित है और इंदौर जाने वाले राजमार्ग पर है।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
नवग्रह मंदिर में नवग्रह देवताओं के अलग-अलग कक्ष होते हैं, जहाँ उन्हें पूजा जाता है। यहाँ विशेष रूप से पूर्णिमा और शनिवार के दिनों में नवग्रह दोष शांति पूजा और शनि की साढ़ेसाती पूजा के लिए भक्त आते हैं। यह मंदिर उज्जैन और आसपास के क्षेत्र में धार्मिक महत्व का एक महत्वपूर्ण स्थल है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
नवग्रह मंदिर की यात्रा के लिए कोई विशेष प्रवेश शुल्क नहीं है। इसकी यात्रा समय के अनुसार होती है। यह स्थान उज्जैन के आगंतुकों के लिए एक अनिवार्य दर्शनीय स्थल है, जो न केवल धार्मिक अनुभव प्रदान करता है बल्कि ज्योतिषीय ज्ञान और ग्रहों के महत्व को समझने में भी मदद करता है।
22. राम-जनार्दन मंदिर (Ram-Janardan Temple)
राम-जनार्दन मंदिर उज्जैन के संदीपनी आश्रम के निकट स्थित दर्शनीय स्थल है। इसे 17वीं शताब्दी में मिर्जा राजा जयसिंह ने बनवाया था। यह मंदिर श्री राम और जनार्दन (विष्णु) को समर्पित है। मंदिर साइट पर स्थापित कई मूर्तियाँ 11वीं और 12वीं शताब्दी की हैं। मराठाओं द्वारा 18वीं शताब्दी में कुछ नई संरचनाएँ भी मंदिर में जोड़ी गई थीं।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
राम जनार्दन मंदिर, मराठा काल की उत्कृष्ट और शानदार वास्तुकला का एक उत्तम उदाहरण है। मंदिर की दीवारों पर सजी भव्य और क्लासिक मराठा चित्रकला, मंदिर की समग्र अपील में वृद्धि करती है। गोवर्धनधारी कृष्ण, ब्रह्मा, विष्णु, और महेश की मूर्तियाँ उनकी वास्तुकलात्मक भव्यता और मूर्तिकला उत्कृष्टता के लिए बहुत ही आकर्षक हैं।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
मंदिर के दर्शन का समय सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक है। यहां प्रवेश निःशुल्क है। यह मंदिर न केवल भक्तों के लिए बल्कि सामान्य आगंतुकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है, जो पूरे वर्ष भर में देश भर से यहां आते हैं।
23. WWF वॉटर पार्क और रिज़ॉर्ट (WWF Water Park and Resort)
WWF वॉटर पार्क और रिज़ॉर्ट इंदौर-उज्जैन रोड पर पंथपीप्लई में स्थित पर्यटन स्थल है। यह पार्क उज्जैन के सबसे उत्कृष्ट वॉटर पार्कों में से एक है। यह वॉटर और नियमित राइड्स, बच्चों और वयस्कों के लिए अलग स्विमिंग पूल्स, मनोरंजक गतिविधियों और खेलों के साथ उपलब्ध है। रिज़ॉर्ट, रात्रि ठहराव और विस्तारित दिन की मस्ती और मनोरंजन के लिए कई सौदे प्रदान करता है।
अनुभव करने लायक चीज़ें और देखने लायक जगहें (Things to experience and places to see)
यहाँ पर्यटक विभिन्न थ्रिलिंग वॉटर राइड्स का आनंद ले सकते हैं। पर्यटक यहाँ परिवार के साथ या दोस्तों के साथ एक मजेदार दिन बिता सकते हैं। इसके अलावा, यह वॉटर पार्क अपने स्वच्छ और सुरक्षित माहौल के लिए प्रसिद्ध है, जिससे यह उज्जैन में परिवार के साथ घूमने के लिए एक आदर्श स्थान बनता है।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क (Timings and Entry Fee)
WWF वॉटर पार्क और रिज़ॉर्ट का समय सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक है। प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 300 रुपये है। यहां आकर पर्यटक न केवल मनोरंजन का आनंद ले सकते हैं बल्कि आरामदायक वातावरण में आराम भी कर सकते हैं।
उज्जैन में घूमने की अन्य जगह कौनसी है?
उज्जैन में घूमने की अन्य जगहओं में म्यूज़ीअम, पार्क्स, बच्चों के घूमने की जगह, कपल्स के घूमने की जगह, इत्यादि हैं।
उज्जैन में घूमने के म्यूज़ीअम कौनसे हैं? (Ujjain me ghumne ke museums konse hain?)
उज्जैन में घूमने के लिए मुख्य म्यूजियम में विक्रम कीर्ति मंदिर म्यूजियम, संदीपनी आश्रम का पुरातत्व संग्रहालय, और भर्तृहरि गुफाओं के पास स्थित छोटे पुरातत्व संग्रहालय शामिल हैं।
इन म्यूज़ीअम की व्याख्या नीचे दी गई है।
- विक्रम कीर्ति मंदिर म्यूजियम: यह म्यूजियम विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में स्थित है और इसमें प्राचीन हस्तलिपियाँ, सिक्के, पुरातात्विक अवशेष और कला के टुकड़े प्रदर्शित हैं।
- संदीपनी आश्रम का पुरातत्व संग्रहालय: यह संग्रहालय उन पुरातात्विक खोजों को प्रदर्शित करता है जो संदीपनी आश्रम की खुदाई के दौरान पाए गए थे। यहाँ प्राचीन मूर्तियाँ और अन्य कलाकृतियाँ हैं।
- भर्तृहरि गुफाओं के पास स्थित छोटे पुरातत्व संग्रहालय: भर्तृहरि गुफाओं के पास स्थित यह संग्रहालय प्राचीन काल से संबंधित विभिन्न पुरातात्विक अवशेषों को प्रदर्शित करता है, जिसमें मूर्तियाँ, सिक्के, और अन्य पुरानी वस्तुएँ शामिल हैं।
उज्जैन में बच्चों के लिए घूमने की जगह कौनसी है? (Ujjain me bachchon ke liye ghumne ki jagah kaunsi hai?)
उज्जैन में बच्चों के लिए घूमने की जगहों में शामिल हैं: गोपाल मंदिर, आईएसकॉन उज्जैन मंदिर, बड़े गणेशजी का मंदिर, और चिंतामन गणेश मंदिर।
इन उज्जैन में बच्चों की घूमने की जगहों की व्याख्या नीचे दी गई है।
- गोपाल मंदिर: यह मंदिर उज्जैन के केंद्र में स्थित है और यह भगवान कृष्ण को समर्पित है। इसका वास्तुशिल्प सुंदरता से निर्मित है और यहाँ की शांति बच्चों और परिवारों के लिए आकर्षक है।
- आईएसकॉन उज्जैन मंदिर: भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित, इस मंदिर में भव्य आरती और प्रसादम की व्यवस्था होती है, जो बच्चों को बहुत भाती है।
- बड़े गणेशजी का मंदिर: यहाँ स्थित विशाल गणेश मूर्ति बच्चों को बहुत आकर्षित करती है। मंदिर का माहौल शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक है।
- चिंतामन गणेश मंदिर: यह मंदिर उज्जैन के बाहरी इलाके में स्थित है और यह गणेश जी के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ का प्राकृतिक वातावरण और शांति बच्चों के लिए खासतौर से आकर्षक है।
उज्जैन में दोस्तों के लिए घूमने की जगह कौनसी है? (Ujjain me doston ke liye ghumne ki jagah kaunsi hai?)
उज्जैन में दोस्तों के साथ घूमने के लिए आदर्श स्थानों में महाकालेश्वर मंदिर, राम घाट, विक्रम कीर्ति मंदिर, और गढ़कालिका मंदिर शामिल हैं।
इन उज्जैन में दोस्तों के साथ घूमने की जगहों की व्याख्या नीचे दी गई है।
- महाकालेश्वर मंदिर: यह ज्योतिर्लिंग मंदिर भारत के सबसे पवित्र शिव मंदिरों में से एक है, जो भक्तों को अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा से आकर्षित करता है।
- राम घाट: यह क्षिप्रा नदी के किनारे पर स्थित है और सिम्हस्थ कुंभ मेला जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों का केंद्र है।
- विक्रम कीर्ति मंदिर: यह संग्रहालय और अध्ययन केंद्र प्राचीन शास्त्रों और हस्तलिपियों का विशाल संग्रह प्रदर्शित करता है।
- गढ़कालिका मंदिर: यह मंदिर देवी कालिका को समर्पित है और यहाँ की देवी की प्रतिमा भक्तों में विशेष भावनाएं जगाती है।
उज्जैन में कपल्स के लिए घूमने की जगह कौनसी है? (Ujjain me couples ke liye ghumne ki jagah kaunsi hai?)
उज्जैन में कपल्स के लिए आदर्श घूमने की जगहों में राम घाट, गढ़कालिका मंदिर, जानापाव कुटी, और WWF वॉटर पार्क और रिज़ॉर्ट शामिल हैं।
इन उज्जैन में कपल्स के घूमने की जगहों की व्याख्या नीचे दी गई है।
- राम घाट: यह घाट क्षिप्रा नदी के किनारे पर स्थित है और यहां पर शाम की आरती का दृश्य विशेष रूप से मनमोहक होता है।
- गढ़कालिका मंदिर: यह प्राचीन मंदिर देवी कालिका को समर्पित है और यहाँ का आध्यात्मिक माहौल कपल्स के लिए एक शांत और उत्थान करने वाला अनुभव प्रदान करता है।
- जानापाव कुटी: यह स्थान प्रकृति के बीच एक आदर्श पिकनिक स्पॉट है, जहां कपल्स प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
- WWF वॉटर पार्क और रिज़ॉर्ट: यह वॉटर पार्क और रिज़ॉर्ट मनोरंजन और आराम का एक संयोजन प्रदान करता है, जो एक अनोखा अनुभव है।
उज्जैन में रात में घूमने की जगह कौनसी है? (Ujjain me raat me ghumne ki jagah kaunsi hai?)
उज्जैन में रात में घूमने के लिए उपयुक्त स्थानों में महाकालेश्वर मंदिर, राम घाट, विक्रम कीर्ति मंदिर, और गढ़कालिका मंदिर शामिल हैं।
इन उज्जैन में रात में घूमने की जगहों की व्याख्या नीचे दी गई है।
- महाकालेश्वर मंदिर: रात के समय महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती एक विशेष आकर्षण है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है।
- राम घाट: यहाँ की शाम और रात की गंगा आरती दर्शनीय होती है, जो पर्यटकों को एक भव्य और दिव्य अनुभव प्रदान करती है।
- विक्रम कीर्ति मंदिर: रात के समय, यह संग्रहालय और अध्ययन केंद्र अपनी शांति और सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, विशेष रूप से जब इसे रोशनी से सजाया जाता है।
- गढ़कालिका मंदिर: रात में, यह मंदिर अपनी मनोरम लाइटिंग और आध्यात्मिक माहौल के लिए जाना जाता है, जो दर्शकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
उज्जैन में घूमने के लिए पार्क कौनसे हैं?
उज्जैन में पार्कों के रूप में घूमने की जगहों में शामिल हैं: रालामंडल वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी, WWF वॉटर पार्क और रिज़ॉर्ट, और जानापाव कुटी।
इन उज्जैन में पार्कों की व्याख्या नीचे दी गई है।
- रालामंडल वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी: यह मध्य प्रदेश की सबसे पुरानी वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है जो विविध वन्यजीवन और आकर्षक ट्रेकिंग पथों के साथ प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है।
- WWF वॉटर पार्क और रिज़ॉर्ट: यह एक मनोरंजन पार्क है जो विभिन्न वॉटर राइड्स और खेलों के साथ-साथ एक आरामदायक रिज़ॉर्ट की सुविधा प्रदान करता है।
- जानापाव कुटी: यह एक प्राकृतिक स्थल है जो ट्रेकिंग, पिकनिक, और खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने के लिए आदर्श है।
Ujjain kaha hai?
उज्जैन, मध्य प्रदेश राज्य, भारत के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। यह इंदौर से लगभग 56 किलोमीटर दूर पूर्व में और भोपाल से लगभग 192 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। उज्जैन के भौगोलिक स्थान के निर्देशांक 23.1765° उत्तरी अक्षांश और 75.7885° पूर्वी देशांतर हैं। यह शहर शिप्रा नदी के किनारे पर बसा है, जो इसकी प्राचीनता और धार्मिक महत्व को और बढ़ाता है।
उज्जैन जाने के तरीके (Ujjain jane k tarike)
उज्जैन जाने के तरीके हैं, यदि आप रेल या बस से यात्रा करना पसंद करते हैं, तो उज्जैन के लिए रेलवे स्टेशन और बस अड्डे उपयुक्त हैं। वहां से आप टैक्सी, ऑटोरिक्शा, या बस से शहर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, यदि आप वाहन से जाना चाहते हैं, तो उज्जैन को अच्छी तरह से राजमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग जोड़ता है।
उज्जैन के बेस्ट फूड कौनसे है?
उज्जैन के प्रसिद्ध व्यंजनों में पोहा, दाल बाफला, भुट्टे का कीस, सबुदाना खिचड़ी, और जलेबी शामिल हैं।
उज्जैन के प्रसिद्ध खाने के पदार्थों की व्याख्या नीचे दी गई है।
- पोहा: यह उज्जैन का एक लोकप्रिय नाश्ता है जो फ्लैटेन्ड राइस से बनाया जाता है और सरसों के बीज, हल्दी के साथ तड़का लगाया जाता है।
- दाल बाफला: यह एक पारंपरिक डिश है जिसमें बेक्ड गेहूं के गोले को मसालेदार दाल के साथ परोसा जाता है।
- भुट्टे का कीस: मकई को घिस कर, दूध और मसालों के साथ धीमी आँच पर पकाया जाता है, जो इसे एक अनूठा और क्रीमी स्वाद प्रदान करता है।
- सबुदाना खिचड़ी: सागो मोतियों से बनी यह हल्की और स्वादिष्ट डिश व्रत के दौरान आमतौर पर खाई जाती है।
- जलेबी: यह मीठी और लोकप्रिय डिश गहरे तले हुए बैटर को चाशनी में डुबोकर बनाई जाती है।
उज्जैन में सबसे खूबसूरत जगह कौन सी है?
उज्जैन में सबसे खूबसूरत जगह महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर है। यह मंदिर हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है और महाकालेश्वर शिव को समर्पित है। इसके अलावा, उज्जैन के खूबसूरत गार्डन्स, राम घाट, और काल भैरव मंदिर भी पर्यटन स्थलों के रूप में महत्वपूर्ण हैं।
उज्जैन में घूमने के लिए कौन कौन सी जगह है?
उज्जैन में घूमने के लिए कई रोमांचक स्थल हैं। प्रमुख आकर्षणों में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर, राम घाट, काल भैरव मंदिर, कचोरी गली, और चंदनी चौक शामिल हैं। यहां आप पारंपरिक भारतीय संस्कृति और धार्मिक आध्यात्मिकता का अनुभव कर सकते हैं, साथ ही शहर की रचनात्मकता और विविधता का भी आनंद ले सकते हैं।
उज्जैन के बारे में क्या खास है?
उज्जैन भारत का एक प्राचीन और प्रमुख धार्मिक स्थल है जो हिंदू और जैन धर्म के लिए महत्वपूर्ण है। यहां महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर स्थित है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इसके अलावा, उज्जैन का रचनात्मक विरासत, पारंपरिक बाजार और स्थानीय भोजन की खासियतें भी हैं। यहां की संतृप्ति, धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का स्वाद उठाने के लिए लाखों यात्री आते हैं।
उज्जैन शहर किस लिए प्रसिद्ध है?
उज्जैन शहर धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर स्थित है, जो हिंदू धर्म के एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में माना जाता है। इसके अलावा, यहां की ऐतिहासिक और परंपरागत विरासत भी उज्जैन को विशेष बनाती है।
उज्जैन में क्या प्रसिद्ध है?
उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है, जो भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसके अलावा, कुंभ मेला भी यहां हर 12 साल में आयोजित होता है।
उज्जैन जाने का सही समय क्या है?
उज्जैन जाने का सही समय अक्टूबर से मार्च के बीच है, जब मौसम सुखद होता है और तापमान सहनीय रहता है।
उज्जैन के पास कौन-कौन से पर्यटन स्थल हैं?
उज्जैन के पास ओंकारेश्वर, मांधाता द्वीप, और महेश्वर जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं, जो अपने ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक महत्व के लिए जाने जाते हैं।
महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन कब जाना चाहिए?
महाकाल के दर्शन के लिए सावन माह (जुलाई-अगस्त) सबसे उत्तम समय होता है, जब विशेष पूजा और आरतियाँ आयोजित की जाती हैं।
उज्जैन में क्या-क्या देखने को मिलता है?
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर, काल भैरव मंदिर, राम घाट, और जंतर मंतर (वेधशाला) जैसे दर्शनीय स्थल हैं।
उज्जैन के प्रसिद्ध स्थल कौन-कौन से हैं?
उज्जैन के प्रसिद्ध स्थलों में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, हरसिद्धि माता मंदिर, और चिंतामण गणेश मंदिर शामिल हैं।
उज्जैन में घूमने की जगह कौन-कौन सी हैं?
उज्जैन में घूमने की जगहों में महाकालेश्वर मंदिर, गोपाल मंदिर, और भूतभावन मंदिर प्रमुख हैं।
उज्जैन में कहाँ ठहरे?
उज्जैन में ठहरने के लिए विभिन्न होटल्स, गेस्ट हाउसेज़ और धर्मशालाएँ उपलब्ध हैं, जो बजट और लक्जरी दोनों प्रकार के विकल्प प्रदान करते हैं।
उज्जैन जाने में कितना खर्चा आता है?
उज्जैन जाने में खर्चा आपके ठहरने, खाने और घूमने के तरीके पर निर्भर करता है, लेकिन एक औसतन बजट यात्रा के लिए 5,000 से 10,000 रुपए प्रति व्यक्ति का अनुमान है।
उज्जैन में कौन-कौन से मंदिर हैं?
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर, काल भैरव मंदिर, गोपाल मंदिर, और मंगलनाथ मंदिर जैसे प्रमुख मंदिर हैं।
उज्जैन में कुल कितने मंदिर हैं?
उज्जैन में सैकड़ों मंदिर हैं, लेकिन मुख्य और प्रसिद्ध मंदिरों की संख्या लगभग 50 के आसपास है।
उज्जैन की फेमस चीज क्या है?
उज्जैन की फेमस चीज़ों में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, काल भैरव की दर्शनीय मूर्ति और यहाँ की प्राचीन वास्तुकला शामिल हैं।
उज्जैन क्यों प्रसिद्ध है?
उज्जैन हिन्दू धर्म में अपने महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है, साथ ही यहाँ हर 12 साल में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के लिए भी जाना जाता है।
उज्जैन के पास अन्य घूमने की जगह?
उज्जैन के पास अन्य घूमने की जगह में मध्य प्रदेश, इंदौर, भोपाल, इत्यादि शामिल है। इनके बारे में व्याख्या नीचे दी गई है।
मध्य प्रदेश में घूमने की जगह
मध्य प्रदेश, भारत के हृदय में स्थित, अपने विविध आकर्षणों के साथ पर्यटकों को लुभाता है। MP me ghumne ki jagah mein खजुराहो के मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला और मूर्तिकला के लिए विश्वविख्यात हैं, जबकि भीमबेटका की गुफाएं प्रागैतिहासिक कला की अमूल्य झलक प्रदान करती हैं। बांधवगढ़ और कान्हा टाइगर रिजर्व वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग हैं, जबकि उज्जैन और ओमकारेश्वर जैसे पवित्र स्थल आध्यात्मिक खोज को बढ़ावा देते हैं। मांडू का ऐतिहासिक किला, सांची का स्तूप और ओरछा के भव्य महल और मंदिर राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। मध्य प्रदेश की यह विविधता हर पर्यटक के लिए कुछ न कुछ खास पेश करती है।
इंदौर में घूमने की जगह
इंदौर मध्य प्रदेश का एक प्रमुख शहर है जिसमें विभिन्न पर्यटन स्थल हैं। indore me ghumne ki jagah में खजराना गणेश मंदिर, कांच मंदिर, लालबाग पैलेस, और पोहा जैसे स्थानीय विशेषताओं का आनंद लिया जा सकता है। इसके अलावा, इंदौर की भोपाली, मलवा और मुगलाई रसोई का स्वाद भी अनिवार्य है। इसे एक अद्वितीय पर्यटन गतिविधि केंद्र बनाती है।
भोपाल में घूमने की जगह
भोपाल, मध्य प्रदेश की राजधानी, अपने सुंदर तालाबों, ऐतिहासिक स्थलों, और विविध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की भोजताल या बड़ा तालाब, शहर के मध्य में स्थित, एक प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करता है और वाटर स्पोर्ट्स के लिए लोकप्रिय है। वन विहार नेशनल पार्क वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है bhopal me ghumne ki jagah ke liye, जहाँ वे विभिन्न प्रजातियों के जीवों को निकट से देख सकते हैं। भारत भवन, एक बहुसांस्कृतिक कला केंद्र, आधुनिक और पारंपरिक कला का एक अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है। ऐतिहासिक महत्व के लिए, भोपाल का ताज-उल-मस्जिद और गोहर महल अवश्य देखने योग्य हैं।
जबलपुर में घूमने की जगह
जबलपुर, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख शहर, अपनी नैसर्गिक सुंदरता और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है। भेड़ाघाट के मार्बल रॉक्स और धुआंधार जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य के अद्भुत नमूने हैं, जबकि मदन महल किला और चौसठ योगिनी मंदिर इसकी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं। दुमना प्रकृति रिजर्व और रानी दुर्गावती संग्रहालय भी Jabalpur me ghumne ki jagah में प्रमुख आकर्षण हैं, जो यात्रियों को वन्यजीवन और स्थानीय संस्कृति के करीब लाते हैं।
ग्वालियर में घूमने की जगह
ग्वालियर मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर है। ग्वालियर में घूमने की जगह (Gwalior me ghumne ki jagah) में प्राचीन किले, महलों, और संगीत समारोहों शामिल है। ग्वालियर फोर्ट, जिसे “भारत का गिब्राल्टर” भी कहा जाता है, इसकी प्राचीन संरचना और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। जय विलास पैलेस अपनी शानदार वास्तुकला और संग्रहालय के साथ आगंतुकों को आकर्षित करता है। तानसेन का मकबरा और सास बहू का मंदिर भी ग्वालियर में घूमने के प्रमुख स्थल हैं, जो इसकी संस्कृति और इतिहास की गहराई को दर्शाते हैं।